5 Tips about bhairav kavach You Can Use Today

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नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।

ಪಾಣೀ ಕಪಾಲೀ ಮೇ ಪಾತು ಮುಂಡಮಾಲಾಧರೋ ಹೃದಮ್

जो प्रतिदिन इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, उसे यक्षिणी, अप्सरा और विभिन्न देवी साधनाओं में सफलता मिलती है

ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।

तत्र मन्त्राद्यक्षरं तु वासुदेवस्वरूपकम् ।

ಧ್ಯಾಯೇನ್ನೀಲಾದ್ರಿಕಾಂತಂ ಶಶಿಶಕಲಧರಂ ಮುಂಡಮಾಲಂ ಮಹೇಶಂ



ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः । 

अष्टक्षरो महा मन्त्रः सर्वाशापरिपूरकः ।

वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष click here कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।

ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः

कोटिजन्मार्जितं पापं तस्य नश्यति तत्क्षणात् ।



ऊर्ध्व पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः।

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